लिखिए अपनी भाषा में


आप यहाँ रोमन अक्षरों में हिंदी लिखिए वो अपने आप हिंदी फॉण्ट में बदल जायेंगे,
पूरा लिखने के बाद आप यहाँ से कॉपी कर कमेन्ट बौक्स में पेस्ट कर दें...

Sunday, December 02, 2012

घरेलु वस्तुओं को ऐसे चमकाएं


मेटल (Metal)  के  सामान  के  लिए  सबसे  हानीकारक होतीं  हैं  ३  चीज़े  -हवा  ,पानी ,और  गर्माहट .
रूखी  हवा  का  मेटल्स  पर  कोई  असर  नहीं  होता ,परन्तु  नम हवा  धातुओं  की  चमक  को  फीका  कर  देती  है .पानी  में  मौजूद  चूना  (lime) और  खड़िया  मिटटी  (chalk) भी  धातु  के  लिया  नुकसानदेह होता  है .इसी  तरह  गर्माहट  भी  मुश्किलों  को  और  बढ़ा  देती  है .

पीतल (Bronze) को कैसे चमकाएं ?

पीतल  की  चीज़ों  को  साफ़  करने  के  लिए  अम्ल   (acid) का  इस्तेमाल  किया  जाता  है .अतः  आप  इमली ,नमक ,नीम्बू  और  विनेगर  का  प्रयोग  कर  सकतीं  हैं .
अलमुनियम( Aluminium) को कैसे चमकाएं ?
अलमुनियम  आसानी  से  साफ़  हो  जाता  है .उसे  पहले  साबुन  और  गरम  पानी  से  धो  लें  और  फिर  स्टील  वूल  से  अच्छी  तरह  से  साफ़  करें .अंत  में  गरम  पानी  से  धो  के  कपडे  से  पोंछ  दें .अलमुनियम  की  चमक  वापस  लाने  के  लिए  आप  चाहें  तो  whitening पावडर लगा  कर  फलालीन  (flannel) के  कपडे  से  रगडें .
लोहे (Iron) को कैसे चमकाएं ?
लोहे  के  सामान  को  अलमुनियम  की  तरह  ही  साफ़  करें .उसकी  खोई  चमक  लौटाने  के  लिए  तेल  की  कुछ  बूँदें  डालें  और  फलालीन  से  रगडें .
चांदी (Silver) को कैसे चमकाएं?
चांदी  के  सामान  को  आलू  उबालने  के  बाद  बचे  हुए  पानी  से  साफ़  करें .चांदी  को  toothpaste  या  साबुन  और  गरम  पानी  से  भी   साफ़  किया  जा  सकता  है .अंत  में  सिल्वो  (silvo) से  polish करें  और  फलालीन  से  रगडें .
लेदर (leather) को कैसे चमकाएं?
लेदर (leather) के  बैग  की  धुल  को  पहले  साफ़  कपडे  से  झाड  दें .फिर  एक  गीले  कपडे  से  पोंछ  लें . जब  बैग  सूख  जाए  तब  एक  कपडे  की  सहायता  से  बैग  पर  वसलीन(vaseline) लगायें  और  फलालीन  से  रगडें .अंत  में  मेटल  के  जो  भी  locks या  buttons हैं  ,उन्हें  पोलिश  कर  दें .
 

इस  तरह  आपके  कीमती  सामानों  की  चमक  भी  बनी  रहेगी  और  उनकी  गुणवत्ता  में  कोई  कमी  भी  नहीं  आएगी .
                              
                               Author – विचित्रा अग्रवाल  (भज्जनका) 

No comments: