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Sunday, August 26, 2012

परमानेंट मेमोरी इरेज़र से मुलाक़ात के पहले तक...

कुछ बेवकूफाना हरकतें -
(किया कभी?)

नए 'कटर' से पेंसिल...
और दाँत से गन्ने - छिलकों की लंबाई का रिकॉर्ड तोड़ने-बनाने की कोशिश।

फाउंटेन पेन में सूख गयी स्याही की खुशबू…
बॉलपेन के रीफ़ील में स्याही डालने की कोशिश?

सिग्नेचर की प्रैक्टिस में पन्ने बर्बाद...
अपने नाम के पहले 'डॉ॰' और बाद में 4 अनजान डिग्रियों के नाम।

मशीन के पुर्जे-पुर्जे कर देने के बाद की चिंता – वापस जुड़ेगा कैसे?
अनजान-सुनसान जगह पर शाम और रात के बीच - भटक जाना!

खेतों-पगडंडियों से होते हुए, सुबह पड़ी ओस में नंगे पाँव... मीलों...
वो आम जो किसी चिड़िया के चोंच मारने से गिरे हो? - सबसे मीठे होते हैं।

किसी अनजान को अगले ट्रैफिक सिग्नल से वापस आकर लिफ्ट...
कभी किसी बच्चे का हाथ पकड़कर नाम लिखना सीखाया?

कितने कदम चला - ये गिनना । सीढ़ियाँ?
यूँ ही चलते चलते - क ख ग घ... क्ष त्र ज्ञ - याद है या नहीं..

किसी भिखारी को कभी बर्गर खिलाया? आइसक्रीम?
किसी बीयर बार में दुध? दारू में गंगाजल मिलाकर? - हरी ॐ !

धुप्प अंधेरे में तारों-ग्रह-नक्षत्रों-आकाशगंगा से बातें...
चाँदनी रात में सुनसान समुद्र तट ?

इतना शांत? -... मन विहीन-शून्य दिमाग।
अपने खिलाफ जाकर किसी को प्यार?

किसी के लिए... सिर्फ जान ही नहीं - अपना सब कुछ !
ऐसे सुध बुध खोना - आग लगे तो… उठकर पानी डालने की सुध न रहे ?

एवरेस्ट जैसी बात यूं छुपा लेना - सामने वाले को भनक तक ना लगे !
ऐसा महसूस?- डूबते हुए… अंतिम सांस अधूरी/पूरी होने के ठीक पहले - खींच लिया हो किसी ने !

किसी दरिया में छलांग... झील में पैर ?
पानी के ऊपर पत्थर तो उछाला होगा? कितनी बार?

कुछ ऐसी हरकत जिसे सोचकर आज भी...?
और ऐसा कुछ ? सामने वाले का दिमाग हिल जाये - ऐसे लोग भी होते हैं !

साइकिल पर आगे बैठ बाएँ पैर से डबल पैडल साइकिल चलाया?
डाक टिकट से मुहर हटाने की कोशिश?



…और ...

... वो सब कुछ जिसे भुलाने के लिए 'परमानेंट मेमोरी इरेज़र - मौत' से मुलाक़ात होना ही एक रास्ता हो?

या शायद उसके बाद भी नहीं...कौन जाने !

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....कुछ किया, कुछ देखा !

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