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Monday, September 03, 2012

पेप्सी-कोक द्वारा भारत में लूट का षड्यन्त्र और सच कहें तो ठण्डा मतलब टायलेट क्लीनर ही है !

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***** स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ !!! स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ !! *****
==== जो लोग देश के लिए कुछ करना चाहते हैं अब वक़्त आ गया है साथियों ===
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महामूर्ख वे हैं जो इसको मज़ाक़ समझते हैं और ऐसी फोटो देख सिर्फ़ दांत निकालते हैं।

यहाँ एक छोटा सा उदाहरण है :
12 महीने पहले 1 अमेरिकी डॉलर ($) = 39 भारतीय रुपये
12 महीनों के बाद, अब 1 अमेरिकी डॉलर ($) = 53 भारतीय रुपये।


क्या आपको लगता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था फलफूल रही है ? नहीं, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है। हमारी सरकार तो इन्हे रोकेगी नहीं हमें ही कुछ कदम उठाने पड़ेंगे....!! हमारी अर्थव्यवस्था हमारे हाथों में है...!

एक ठंडा पेय है जो कि केवल 70- 80 पैसा की उत्पादन लागत में बनता है उसको 9 से 15 रुपये में बेचा जाता है और इन से लाभ का एक बड़ा हिस्सा विदेशों में भेजा जाता है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक गंभीर पलायन है। कोका कोला और पेप्सी नाम की 2 विदेशी कंपनियां हमारे देश को पिछले 15 सालों से लूट रही है। आइए नज़र डालते है कुछ आंकड़ों पर:

पेप्सी- कोला की जो बोतल हम सामान्यता 10- 12 रुपये में खरीदते हैं, वही बोतल पाँच सितारा होटल में 25 रुपये और हवाई जहाज़ में 35-40 रुपये की मिलती है, जिसकी लागत पेप्सी कोला की कंपनी में मात्र 70 पैसे होती है। ये दोनों लूटेरी कंपनी 1 रुपये भारत सरकार को टैक्स देती हैं, 30 पैसा विज्ञापन पर खर्च करती हैं और 50 पैसा दुकानदार को देती हैं। कुल मिलाकर 2:50 रुपये खर्च करके एक बोतल बना लेती हैं।
इस प्रकार ये कंपनियां हर बोतल पर 9:50 रुपये मुनाफा कमाती हैं।
आपने 1 बोतल पेप्सी- कोला पिया तो भारत माता का 9:50 रुपये अमेरिका को दे दिया।


* आपको जानकार आश्चर्य होगा एक साल में पूरे भारत में पेप्सी- कोला की "700 करोड़ बोतलें बिकती" हैं इस प्रकार प्रति वर्ष ये दोनों "अमेरीकन कंपनी 6500 करोड़ रुपये अमेरिका ले जा रही हैं और ये लूट पिछले 15 वर्षों से निरंतर जारी है और अब तक भारत का 1 लाख करोड़ से ज्यादा रुपये सम्मानजनक तरीके से लूट चुकी हैं।
* पेप्सी कोला बनाने में चीनी के स्थान पर Aspertem का प्रयोग किया जाता है जिससे मूत्रनली का कैंसर होता हैं। लगातार पेप्सी- कोला का सेवन करने से हड्डियों में Osteoporosis, Osteopenia नामक बीमारियाँ होती हैं जिसमे हड्डियाँ बहुत कमजोर हो जाती हैं।


इन सबके बावजूद हमारी सरकार इनपर कोई प्रतिबंध नहीं लगा रही है और इनकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। साथ ही हमारे क्रिकेटर और अभिनेता, अभिनेत्री इनके विज्ञापन कर कर के बिक्री में इजाफा करवा रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति को इस जागरूकता के लिए एक नेता बन जाना चाहिए। केवल यह हमारे देश को गंभीर आर्थिक संकट से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है। आपको अपनी जीवन शैली देने की जरूरत नहीं है।

टायलेट साफ़ करने वाला हार्पिक और कोक पेप्सी में कैसे बराबर का जहर है......यहाँ क्लिक करे और जाने !
राजीव भाई कहते है ...अगर स्कूल कालेज के विद्यार्थी न माने तो उनके सामने उनकी सामने स्कूल कालेज कि टायलेट साफ़ करवाकर दिखला दो ....एक मिनट में मान जाएँगे ....!
क्यों कि ये मजाक नहीं सच है... कैसे सच है जानने के लिए यहाँ क्लिक करे !!!!
और जाने की ये अमेरीका की 2 कम्पनियाँ जो भारत में Pepsi - Coke क्यों बेचती हैं। इनमे कौन कौन से 21 तरह के ज़हर हैं ।
यहाँ क्लिक करे !!

http://www.youtube.com/watch?v=XmzcYwFyObc



चलो अमेरिकी सरकार को तो अक्ल आई ...पर भारत सरकार को न जाने कब समझ आएगी ...ये बात की ठण्डा मतलब टायलेट क्लीनर !





जागो ...विदेशी कम्पनियाँ देश लूट रही हैं ... स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ ...!!




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"छोटी छोटी बूँदों से एक महान महासागर बनता है"

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