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Wednesday, October 03, 2012

14 फ़रवरी

आदरणीय राष्ट्रप्रेमी भाइयों और बहनों
>
> हमारे देश में पिछले कुछ वर्षों से इस 14 फ़रवरी का विशेष महत्व हो गया है,
> कोई अपने महापुरुष के लिए या अपने किसी पर्व के लिए होता तो ख़ुशी होती लेकिन
> ये दिन एक ऐसे व्यक्ति के लिए समर्पित हो गया है जो हमारे यहाँ का नहीं था |
> जब हमारे देश में वैश्वीकरण शुरू हुआ तभी इसका पदार्पण हुआ हमारे देश में,
> बात को ज्यादा लम्बा न करते हुए सीधे मैं विषय पर आता हूँ और
 हमेशा की तरह ये
> लेख भी *परम सम्मानीय राजीव दीक्षित भाई *के विभिन्न व्याख्यानों में से
> जोड़ के मैंने(Sachin Agrawal) बनाया है, उम्मीद है कि आप लोगों के ये पसंद आएगी |
> *
>
> वैलेंटाइन डे की कहानी*
> यूरोप (और अमेरिका) का समाज
> यूरोप और अमेरिका में आपको शायद ही ऐसा कोई पुरुष या महिला
> मिले जिसकी एक शादी हुई हो, जिनका एक पुरुष से या एक स्त्री से सम्बन्ध रहा हो
> और ये एक दो नहीं हजारों साल की परंपरा है उनके यहाँ | आपने एक शब्द सुना होगा
> "Live in Relationship" ये शब्द आज कल हमारे देश में भी नव-अभिजात्य वर्ग में
> चल रहा है, इसका मतलब होता है कि "बिना शादी के पति-पत्नी की तरह से रहना" |
> तो उनके यहाँ, मतलब यूरोप और अमेरिका में ये परंपरा आज भी चलती है, खुद प्लेटो
> (एक यूरोपीय दार्शनिक) का एक स्त्री से सम्बन्ध नहीं रहा, प्लेटो ने लिखा है
> कि "मेरा 20-22 स्त्रियों से सम्बन्ध रहा है" अरस्तु भी यही कहता है, देकार्ते
> भी यही कहता है, और रूसो ने तो अपनी आत्मकथा में लिखा है कि "एक स्त्री के साथ
> रहना, ये तो कभी संभव ही नहीं हो सकता, It's Highly Impossible" | तो वहां एक
> पत्नीव्रत जैसा कुछ होता नहीं | और इन सभी महान दार्शनिकों का तो कहना है कि
> "स्त्री में तो आत्मा ही नहीं होती""स्त्री तो मेज और कुर्सी के समान हैं, जब
> पुराने से मन भर गया तो पुराना हटा के नया ले आये " | तो बीच-बीच में यूरोप
> में कुछ-कुछ ऐसे लोग निकले जिन्होंने इनबातों का विरोध किया और इन रहन-सहन की
> व्यवस्थाओं पर कड़ी टिप्पणी की | उन कुछ लोगों में से एक ऐसे
> ही यूरोपियन व्यक्ति थे जो आज से लगभग 1500 साल पहले पैदा हुए, उनका नाम था
> - वैलेंटाइन | और ये कहानी है 478 AD (after death) की, यानि ईशा की मृत्यु के
> बाद |
>
> उस वैलेंटाइन नाम के महापुरुष का कहना था कि "हमलोग (यूरोप के लोग) जो
> शारीरिक सम्बन्ध रखते हैं कुत्तों की तरह से, जानवरों की तरह से, ये अच्छा
> नहीं है, इससे सेक्स-जनित रोग (veneral disease) होते हैं, इनको सुधारो, एक
> पति-एक पत्नी के साथ रहो, विवाह कर के रहो, शारीरिक संबंधो को उसके बाद ही
> शुरू करो" ऐसी-ऐसी बातें वो करते थे और वो वैलेंटाइन महाशय उन सभी लोगों को ये
> सब सिखाते थे, बताते थे, जो उनके पास आते थे, रोज उनका भाषण यही चलता था रोम
> में घूम-घूम कर | संयोग से वो चर्च के पादरी हो गए तो चर्च में आने वाले हर
> व्यक्ति को यही बताते थे, तो लोग उनसे पूछते थे कि ये वायरस आपमें कहाँ से
> घुस गया, ये तो हमारे यूरोप में कहीं नहीं है, तो वो कहते थे कि "आजकल मैं
> भारतीय सभ्यता और दर्शन का अध्ययन कर रहा हूँ, और मुझे लगता है कि वो परफेक्ट
> है, और इसलिए मैं चाहता हूँ कि आप लोग इसे मानो", तो कुछ लोग उनकी बात को
> मानते थे, तो जो लोग उनकी बात को मानते थे,उनकी शादियाँ वो चर्च में कराते थे
> और एक-दो नहीं उन्होंने सैकड़ों शादियाँ करवाई थी | जिस समय वैलेंटाइन हुए, उस
> समय रोम का राजा था क्लौड़ीयस, आप उसे चक्रवर्ती सम्राट की श्रेणी में रख सकते
> हैं | क्लौड़ीयस ने कहा कि "ये जो आदमी है-वैलेंटाइन, ये हमारे यूरोप की
> परंपरा को बिगाड़ रहा है, हम बिना शादी के रहने वाले लोग हैं, मौज-मजे में डूबे
> रहने वाले लोग हैं, और ये शादियाँ करवाता फिर रहा है, ये तो अपसंस्कृति फैला
> रहा है, हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहा है", तो क्लौड़ीयस ने आदेश दिया कि
> "जाओ वैलेंटाइन को पकड़ के लाओ ", तो उसके सैनिक वैलेंटाइन को पकड़ के ले आये |
> क्लौड़ीयस ने वैलेंटाइन से कहा कि "ये तुम क्या गलत काम कर रहे हो ? तुम अधर्म
> फैला रहे हो, अपसंस्कृति ला रहे हो" तो वैलेंटाइन ने कहा कि "मुझे लगता है कि
> ये ठीक है" , क्लौड़ीयस ने उसकी एक बात न सुनी और उसने वैलेंटाइन को फाँसी की
> सजा दे दी, आरोप क्या था कि वो बच्चों की शादियाँ कराते थे, मतलब शादी करना
> जुर्म था | क्लौड़ीयस ने उन सभी बच्चों को बुलाया, जिनकी शादी वैलेंटाइन ने
> करवाई थी और उन सभी के सामने वैलेंटाइन को 14 फ़रवरी 498 ईस्वी को फाँसी दे
> दिया गया | पता नहीं आपमें से कितने लोगों को मालूम है कि पुरे यूरोप में 1950
> ईस्वी तक खुले मैदान में, सार्वजानिक तौर पर फाँसी देने की परंपरा थी | तो
> जिन बच्चों ने वैलेंटाइन के कहने पर शादी की थी वो बहुत दुखी हुए और उन सब ने
> उस वैलेंटाइन की दुखद याद में 14 फ़रवरी को वैलेंटाइन डे मनाना शुरू किया तो उस
> दिन से यूरोप में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है | मतलब ये हुआ कि वैलेंटाइन, जो
> कि यूरोप में शादियाँ करवाते फिरते थे, चूकी राजा ने उनको फाँसी की सजा दे दी,
> तो उनकी याद में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है | ये था वैलेंटाइन डे का इतिहास
> और इसके पीछे का आधार |
>
> अब यही वैलेंटाइन डे भारत आ गया है जहाँ शादी होना एकदम सामान्य बात है यहाँ
> तो कोई बिना शादी के घूमता हो तो अद्भुत या अचरज लगे लेकिन यूरोप में शादी
> होना ही सबसे असामान्य बात है | अब ये वैलेंटाइन डे हमारे स्कूलों में कॉलजों
> में आ गया है और बड़े धूम-धाम से मनाया जारहा है और हमारे यहाँ के
> लड़के-लड़कियां बिना सोचे-समझे एक दुसरे को वैलेंटाइन डे का कार्ड दे रहे हैं
> | और जो कार्ड होता है उसमे लिखा होता है " Would You Be My Valentine" जिसका
> मतलब होता है "क्या आप मुझसे शादी करेंगे" | मतलब तो किसी को मालूम होता नहीं
> है, वो समझते हैं कि जिससे हम प्यार करते हैं उन्हें ये कार्ड देना चाहिए तो
> वो इसी कार्ड को अपने मम्मी-पापा को भी दे देते हैं, दादा-दादी को भी दे देते
> हैं और एक दो नहीं दस-बीस लोगों को ये ही कार्ड वो दे देते हैं | और इस धंधे
> में बड़ी-बड़ी कंपनियाँ लग गयी हैं जिनको ग्रीटिंग कार्ड बेचना है, जिनको
> गिफ्ट बेचना है, जिनको मिठाइयाँ बेचनी हैं और टेलीविजन चैनल वालों ने इसका
> धुआधार प्रचार कर दिया | ये सब लिखने के पीछे का उद्देश्य यही है कि नक़ल आप
> करें तो उसमे अकल भी लगा लिया करें | उनकेयहाँ साधारणतया शादियाँ नहीं होती
> है और जो शादी करते हैं वो वैलेंटाइन डे मनाते हैं लेकिन हम भारत में ??????
>किसने है रोका आप आँखे चार कीजिए..
अपनी परंपराओं से भी प्यार कीजिए..

हो सकता नही वैलेँटाईन क्रष्ण से बड़ा..
जन्माष्टमी को प्यार का इजहार कीजिए.

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